नर्मदापुरम। जिले में रेत खदान का आवंटन 2022 को तीन ग्रुप में हुआ है जिसमें शासन ने रेत खदान कुछ शर्तों पर खनन व परिवहन के लिए आवंटित की है। रेत खदान से खनन व परिवहन के लिए विभाग और एम डी ओ (ठेकेदार) के बीच शासन की शर्तों पर अनुबंध किया गया है। अनुबंध की शर्तों पर एम डी ओ को रेत खदान से खनन व परिवहन करना है लेकिन अनुबंध की शर्तों को ताक पर रख कर खदाने चलाई जा रही है जिस पर विभाग चुप्पी साधे हुए है। डॉ कमलेश चौरसिया ने आर टी आई में रेत खदान से खनन व परिवहन करने के लिए शासन और एम डी ओ (रेत ठेकेदार) के बीच हुए अनुबंध की जानकारी प्राप्त कर एम डी ओ (ठेकेदार) द्वारा अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने की शिकायत की है। एम डी ओ द्वारा आवंटित रेत खदान की शर्तों के उल्लंघन करने की शिकायत शासन स्तर पर की गई है जिस पर जिला अधिकारी द्वारा भी कार्यवाही की प्रक्रिया अपनाई गई है लेकिन जांच के नाम पर खानापूर्ति प्रतीत होने से शिकायतकर्ता डॉक्टर कमलेश चौरसिया ने पुनः शिकायत कर उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
अनुबंधित रेत खदान की यह शर्त का नहीं हो रहा पालन
आवंटित रेत खदान के अनुबंध की शर्तों में कंडिका 32 के अनुसार रेत खदान से रेत का परिवहन करने वाले वाहनों में gps ट्रैकिंग सिस्टम लगा होना चाहिए। वही आवंटित खदान पर सीसीटीवी कैमरे लगे होना चाहिए और आवंटित रेत खदान के मुनारे (सीमाओं पर पिलर) लगाना होगा जो आवंटित रेत खदान के कार्यकाल में लगाकर रखना होगा। लेकिन सूत्रों की माने तो gps ट्रैकिंग सिस्टम का संधारण नहीं किया जा रहा है और सीसीटीवी कैमरे सिर्फ एम डी ओ के रेत खदान के बाहर ऑफिस के सामने लगाए गए हैं। वही आवंटित रेत खदान के सीमांकन पिलर भी नहीं लगाए गए हैं। रेत खदान पर सीमांकन पिलर नहीं लगे होने से ठेकेदार के द्वारा आवंटित रेत खदान से बाहर से रेत का खनन व परिवहन की आशंका है।
शिकायत में यह की गई मांग
शिकायतकर्ता डॉक्टर कमलेश चौरसिया ने अपनी शिकायत में आवंटित रेत खदान के सी सी टी वी कैमरे न लगे होने से ठेकेदार द्वारा आवंटित रेत खदान क्षेत्र की सीमा से बाहर की रेत का खनन करने की बात कही है। वही अनुबंध की कंडिका 32 में खदान से रेत का परिवहन करने के लिए बिना जीपीएस लगे वाहनो का इस्तेमाल न करने और बिना जीपीएस लगे वाहनों को ईटीपी जारी करने की शिकायत की है जिससे एक ई.टी.पी. पर दिन-रात तटीय क्षेत्र से रेत चोरी की जाती है और जिले के बाहर भेजी जा रही है। वही अनुबंध की कंडिका 19 में एम डी ओ को स्वयं के व्यय पर आवंटित रेत खदान की सीमाओं पर सीमा चिन्ह तथा स्तंभ/पिलर लगाना है जिसको हमेशा दुरूस्त रखना है लेकिन एमडीओ द्वारा पिलर नहीं लगाएं जाते है जिससे आवंटित खदान के बाहर से खनन एवं परिवहन होता है।
डॉ कमलेश चौरसिया ने शिकायत कर रेत खदानों की जांच कर अनियमित्तता पाएं जाने पर ठेकदार को स्वीकृत रेत खदानों का ठेका निरस्त कर अनुबंध दिनांक से जारी ईटीपी की गणना कर ठेकेदार से उनकी खदानों से उत्खनन की गई रेत की राशि की वसूली शासनहित में करने की मांग की है।
यह है अनुबंध की कंडिका 19 की शर्त
एम०डी०ओ० स्वयं के व्यय पर, भूमि की सीमाओं को दर्शित करने के लिए सीमा चिन्ह तथा स्तंभ (पिलर) का निर्माण करेगा एवं उन्हें हमेशा दुरूस्त रखेगा।
यह है अनुबंध की कंडिका 32 की शर्त
जीपीएस/Vehicle location tracking device/विहित अनुसार समकक्ष तकनीकी यंत्र स्थापित वाहनों से रेत का परिवहन किया जाना एवं खदान पर निर्दिष्ट स्पेसिफिकेशन्स के सी.सी.टी.वी. कैमरा स्थापित किया जाना, राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित तिथि के पश्चात अनिवार्य होगा।
यहां कि गई शिकायत
डॉ कमलेश चौरसिया ने आवंटित रेत खदान में अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं करने की शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव खनिज साधन विभाग मध्य प्रदेश शासन, प्रबंधक दि मध्य प्रदेश स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन लिमिटेड, कलेक्टर नर्मदापुरम सहित खनिज विभाग नर्मदापुरम को शिकायत की है।
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